Delhi Yamuna Cleaning: राजधानी दिल्ली में भाजपा सरकार ने 1 साल में यमुना नदी को साफ़ करने का लक्ष्य रखा हुआ है. सरकार बनने के बाद से ही 17 फ़रवरी से मशीनों से यमुना की साफ सफाई का काम भी चल रहा है लेकिन यमुना की साफ सफाई में सबसे बड़ी अड़चन राजधानी दिल्ली के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) पैदा कर रहे है. 

एबीपी न्यूज के पास मौजूद दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) की अप्रैल महीने की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के 36 में से 24 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नाले के पानी को तय मानकों पर छोड़ने से पहले साफ नहीं कर रहे हैं.

जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने STP संचालकों के साथ की बैठक

ऐसे में तय मात्रा से ज्यादा प्रदूषक यमुना नदी और उससे जुड़े नालों में जा रहे हैं. इसी का संज्ञान लेते हुए मंगलवार (22 अप्रैल) को दिल्ली सरकार के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के संचालकों के साथ बैठक की और इसमें साफ साफ चेतावनी दी गई कि अगर अगले कुछ महीने में सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तय मानकों का पालन नहीं करेंगे तो दिल्ली सरकार कार्रवाई करेगी.

40 फीसदी से ज्यादा STP तय मानकों का नहीं कर रहे पालन

बता दें कि इससे पहले दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के ओखला और कोरोनेशन पिलर STP का निरीक्षण किया था, जिसमें से कोरोनेशन पिलर STP बीते कई महीनों से मानकों का पालन कर रही है लेकिन ओखला STP DPCC की ताजा रिपोर्ट में सफाई के मानकों का उल्लंघन करती हुई नजर आई है. 

दिल्ली में ठीक से काम ना करने वाले STP पुरानी समस्या है और पिछले 6 वर्षों से औसतन दिल्ली के 40 प्रतिशत से ज्यादा एसटीपी तय मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं. मंत्री प्रवेश वर्मा ने सभी ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) का थर्ड पार्टी ऑडिट करने के भी निर्देश दिए हैं.

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